Land Registry Rule 2025: ज़मीन रजिस्ट्री के नए नियम लागू, अब अनिवार्य हुए 5 अहम दस्तावेज़

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Land Registry Rule 2025: वर्ष 2025 में भारत सरकार ने संपत्ति पंजीकरण व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। इन बदलावों का लक्ष्य जमीन-जायदाद के लेनदेन को पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। पिछले कई वर्षों से देश में संपत्ति धोखाधड़ी, नकली कागजात और दोहरी बिक्री की घटनाएं आम रही हैं। इन सभी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने रजिस्ट्री प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है और अनिवार्य कागजातों की स्पष्ट सूची जारी की है।

नई व्यवस्था की आवश्यकता क्यों पड़ी?

भारत में संपत्ति खरीदते समय लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। कई बार खरीदार को बाद में पता चलता था कि उसने जो जमीन खरीदी है, उस पर पहले से विवाद चल रहा है या उसके कई मालिक हैं। कभी-कभी तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेच दी जाती थी और असली मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगती थी। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार ने तकनीक का सहारा लेते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया को आधुनिक और विश्वसनीय बनाने का फैसला किया है। अब हर संपत्ति सौदे में पूर्ण पारदर्शिता होगी और किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।

डिजिटल क्रांति से जुड़े प्रमुख सुधार

नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया इंटरनेट के माध्यम से संपन्न होगी। क्रेता और विक्रेता दोनों को अपने सभी प्रमाण पत्र सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। स्टांप शुल्क, पंजीकरण शुल्क और अन्य सभी भुगतान केवल डिजिटल माध्यमों से ही स्वीकार किए जाएंगे। इस व्यवस्था से दलालों की भूमिका लगभग समाप्त हो जाएगी और लोग सीधे सरकारी तंत्र से जुड़ सकेंगे। इसके अलावा सभी पहचान पत्रों की ऑनलाइन जांच अनिवार्य कर दी गई है, जिससे नकली पहचान बनाकर धोखाधड़ी करना असंभव हो जाएगा।

बकाया राशि की जांच अब अनिवार्य

नए नियमों के अनुसार, संपत्ति रजिस्ट्री से पूर्व यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि उस संपत्ति पर किसी भी प्रकार का बकाया नहीं है। नगरपालिका कर, जल-मल निकासी बिल और भूमि राजस्व से जुड़े सभी बकाया भुगतान की जांच की जाएगी। यदि किसी संपत्ति पर एक रुपए का भी बकाया पाया गया, तो रजिस्ट्री प्रक्रिया तुरंत रोक दी जाएगी। यह प्रावधान उन खरीदारों के लिए बेहद फायदेमंद है जो अनजाने में ऐसी संपत्ति खरीद लेते थे जिस पर बड़ा बकाया होता था और बाद में उन्हें ही वह राशि चुकानी पड़ती थी।

पाँच अनिवार्य दस्तावेज जिनके बिना नहीं होगी रजिस्ट्री

सरकार ने पांच दस्तावेजों को अनिवार्य घोषित किया है। सबसे पहला है पैन कार्ड, जो क्रेता और विक्रेता दोनों के लिए जरूरी है। यह कर रिकॉर्ड और आर्थिक पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। दूसरा अनिवार्य दस्तावेज आधार कार्ड है, जो पहचान और पते के दोहरे सत्यापन के लिए आवश्यक है। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के कारण अब फर्जीवाड़ा करना नामुमकिन होगा। तीसरा दस्तावेज पासपोर्ट आकार की फोटो है, जो पहचान की पुष्टि के लिए चाहिए। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण है भूमि अभिलेख, जिसमें खसरा संख्या, खतौनी, भू-नक्शा और पूर्व स्वामित्व प्रमाण पत्र शामिल हैं। पांचवां दस्तावेज नगरपालिका कर या बकाया रसीदें हैं, जो यह साबित करती हैं कि संपत्ति पर कोई पुराना बकाया नहीं है।

ऑनलाइन पंजीकरण की सरल प्रक्रिया

नई व्यवस्था में घर बैठे ही संपत्ति पंजीकरण का अधिकांश काम पूरा किया जा सकता है। सबसे पहले अपने राज्य के भूमि एवं संपत्ति पंजीकरण पोर्टल पर जाना होगा। वहां होम पेज पर ई-रजिस्ट्री या संपत्ति पंजीकरण का विकल्प मिलेगा। उस पर क्लिक करने के बाद खरीदार और विक्रेता की सभी जानकारी जैसे नाम, पता, पैन, आधार और मोबाइल नंबर भरना होगा। फिर जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे खसरा, खतौनी, नक्शा, स्वामित्व प्रमाण पत्र और टैक्स रसीद अपलोड करने होंगे। पोर्टल पर ही इन दस्तावेजों का तुरंत सत्यापन होगा।

शुल्क भुगतान और अंतिम सत्यापन

दस्तावेज अपलोड करने के बाद स्टांप शुल्क, रजिस्ट्री शुल्क और ऑनलाइन सेवा शुल्क जमा करना होगा। ये सभी भुगतान UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट-क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए जाएंगे। नकद भुगतान की सुविधा नहीं होगी। भुगतान के बाद पोर्टल पर एक तारीख दी जाएगी, जिस दिन उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर अंतिम बायोमेट्रिक सत्यापन और डिजिटल हस्ताक्षर करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी होते ही रजिस्ट्री दस्तावेज तुरंत ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा और उसकी डिजिटल कॉपी डाउनलोड की जा सकेगी।

खरीदारों के लिए बड़ी राहत

इन नए नियमों से सबसे ज्यादा फायदा ईमानदार खरीदारों को होगा। पहले लोग महीनों तक दफ्तरों के चक्कर काटते थे और फिर भी रजिस्ट्री में देरी होती थी। अब पूरी प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो जाएगी। डिजिटल सत्यापन से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी गलत जानकारी या फर्जी कागजात रजिस्ट्री में शामिल न हो सके। बकाया राशि की जांच से खरीदार को बाद में किसी अप्रिय आश्चर्य का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकारी पोर्टल पर सभी जानकारी सुरक्षित रहेगी और भविष्य में कभी भी इसे देखा और डाउनलोड किया जा सकेगा।

तैयारी कैसे करें?

यदि आप निकट भविष्य में कोई संपत्ति खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो इन नए नियमों को अच्छी तरह समझ लें। सबसे पहले अपने सभी जरूरी दस्तावेज एकत्र कर लें और जांच लें कि वे सभी अद्यतन हैं या नहीं। अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड में दिया गया पता और जानकारी सही होनी चाहिए। यदि संपत्ति बेच रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि उस पर कोई बकाया न हो। सभी कर रसीदें और भूमि अभिलेख पहले से तैयार रखें। इंटरनेट और डिजिटल भुगतान की बुनियादी जानकारी रखें या किसी जानकार व्यक्ति की मदद लें।

भूमि पंजीकरण नियम 2025 भारत में संपत्ति लेनदेन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। डिजिटलीकरण, अनिवार्य दस्तावेज और ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था से धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा और आम नागरिकों को सुरक्षित संपत्ति खरीद का अवसर मिलेगा। हालांकि शुरुआत में कुछ लोगों को डिजिटल प्रक्रिया अपनाने में मुश्किल हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह व्यवस्था बेहद लाभदायक साबित होगी। सरकार का यह कदम संपत्ति बाजार में पारदर्शिता लाने और नागरिकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।

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