Solar Rooftop Subsidy Yojana: 3 किलोवॉट सोलर सिस्टम पर मिल रहा है 78,000 रूपये की भारी सब्सिडी, आवेदन करे ऐसे

By Vikash Kushwaha

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Solar Rooftop Subsidy Yojana
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Solar Rooftop Subsidy Yojana: मध्यप्रदेश में सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब यदि कोई उपभोक्ता 3 किलोवॉट का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाता है, तो उसे ₹78,000 की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना” के तहत प्रदान की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य घरेलू उपयोग के लिए स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और बिजली खर्च में कमी लाना है। इस योजना का लाभ लाखों उपभोक्ताओं को मिल सकता है, बशर्ते वे समय पर आवेदन करें।

कैसे मिलती है ₹78,000 की सब्सिडी

योजना के अंतर्गत पहले 2 किलोवॉट के लिए ₹30,000 प्रति किलोवॉट की दर से सब्सिडी मिलती है। तीसरे किलोवॉट पर ₹18,000 की सब्सिडी दी जाती है। इस तरह कुल ₹78,000 की सहायता सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को प्रदान की जाती है। यह राशि उपभोक्ता के खर्च को काफी हद तक कम कर देती है। इससे लोग रूफटॉप सोलर सिस्टम को लगाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से जुड़कर सस्ती और टिकाऊ बिजली का लाभ लें।

ऑनलाइन आवेदन की आसान प्रक्रिया

इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई है। इच्छुक उपभोक्ता www.pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद उपभोक्ता अपने क्षेत्र के किसी भी अधिकृत वेंडर का चयन कर सकता है। राज्य सरकार ने इसके लिए करीब 850 वेंडर सूचीबद्ध किए हैं। उपभोक्ता को सोलर सिस्टम इंस्टॉल करने के बाद जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जिसके बाद सब्सिडी की प्रक्रिया शुरू होती है।

खर्च की भरपाई मात्र 5 से 6 साल में

रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर प्रारंभिक खर्च थोड़ा अधिक लग सकता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह लागत 5 से 6 वर्षों में पूरी तरह वसूल हो जाती है। इसके बाद उपभोक्ता को वर्षों तक मुफ्त बिजली मिलती है, जिससे हर महीने के बिल में बचत होती है। इस व्यवस्था से न केवल बिजली खर्च घटता है, बल्कि उपभोक्ता ग्रिड बिजली पर निर्भरता से भी मुक्त हो जाता है। यह दीर्घकालिक बचत का एक बेहतर विकल्प बन गया है।

पर्यावरण सुरक्षा में भी बड़ी भूमिका

रूफटॉप सोलर सिस्टम केवल आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाता है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में सौर ऊर्जा को अपनाना सामाजिक दायित्व भी है। सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि हर घर अपनी छत पर सौर संयंत्र लगाकर पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे। यह ऊर्जा का सतत और सुरक्षित स्रोत भी है।

कार्यशालाओं से मिल रही है जागरूकता

राज्य सरकार और उसके नॉलेज पार्टनर मिलकर इस योजना की जानकारी आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं। हाल ही में भोपाल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मीडिया, विशेषज्ञ और आम नागरिकों को इस योजना की विशेषताओं के बारे में बताया गया। कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को सोलर सिस्टम लगाने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस प्रयास से अब अधिक से अधिक लोग योजना के बारे में जान रहे हैं और इसमें भाग ले रहे हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की सटीक जानकारी और आवेदन की स्थिति जानने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क अवश्य करें। लेख में दी गई जानकारी की पूर्णता या अद्यतन होने की गारंटी लेखक द्वारा नहीं दी जाती।

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